वस्तुतः संगीत सभी के जीवन में एक महान भूमिका निभाता है । यह हमें खाली समय में व्यस्त रखता है और हमारे जीवन को शांतिपूर्ण भी बनाता है । गाना-नाचना, गीत-संगीत निष्चित रूप से प्रसन्नता में वृद्धि करते हैं । यह शरीर की स्थूल प्रक्रिया है । निःसंदेह संगीत एक प्रकार की स्वर साधना और प्राणायाम भी है, जिनसे न केवल शरीर के भीतरी अवयवों का व्यायाम होता है, बल्कि दया, प्रेम, करूणा, उदारता, क्षमा, आत्मीयता, सेवा और सौजन्यता के भावों का भी तेजी से विकास होता है, जो आज के समय की जरूरत है ।
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Brief note on activities of Natraj Kala Kendra |